हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह गिला शिकवा << करो फिर से कोई वादा कभी न... शिकायत तो आज भी मुझे खुद ... >> हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह,जिसने जीता उसने भी फेंका और जो हारा उसने भी फेंका! Share on: